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हड्डी से सम्बंधित रोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान

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इलाज के बाद स्वस्थ्य हुए मरीजों द्वारा दिखाये गये कुछ  X-RAY कुछ वर्षों पहले हड्डी से सम्बंधित  समस्याओं के निराकरण के लिए छःत्तीसगढ़ में किसी भी  विश्वसनीय संस्थान का न होना निराशाजनक था और जो संस्थान थे जहां इलाज सम्भव था वहां मध्यम वर्गीय लोगों का इलाज करवा पाना संभव ही नही था भारीभरकम फीस का बोझ एक सामान्य व्यक्ति का उठा पाना अपनी जमा पूंजी को पूरा लगा देने के बराबर था। बीते कुछ वर्षों में संजीवनी हॉस्पिटल एन्ड रिसर्च सेंटर बिलासपुर  ने अपनी विश्वसनीयता कायम की है जहां जटिल से जटिल ऑपरेशनों का सफलता दर सौ प्रतिशत है वही दूसरी ऒर हॉस्पिटल ने   भारीभरकम खर्चे को कम कर अत्यंत मंहगे ऑपरेशनों को गरीब लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया है । हमने संजीवनी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ विनोद तिवारी जो की हड्डी रोगों के विशेषज्ञ हैं उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि -  " आज से 5 साल पहले हड्डी से सम्बंधित ऑपरेशनों का खर्च इतना अधिक था कि गरीब वर्ग इन ऑपरेशनों को कराने का सोचते भी नही थे मुझे ख़ुशी है कि हमारे संस्थान ने इन मंहगे इलाजों को कम खर्चों में गरीब लोगों तक पह...

संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने कोरोना के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है जरूर पढ़ें

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आप कुछ साधारण सावधानियां बरतकर COVID -19 के संक्रमित होने या फैलने की संभावनाओं को कम कर सकते हैं:  अपने हाथों को अल्कोहल-आधारित हाथ से नियमित रूप से और अच्छी तरह से साफ करें या उन्हें साबुन और पानी से धोएं।   क्यों?   अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना या अल्कोहल-आधारित सेनेटाइजर  से हाथ रगड़ने से वायरस खत्म होता है।   अपने और दूसरों के बीच कम से कम 1 मीटर (3 फीट) की दूरी बनाए रखें।   क्यों?   जब कोई व्यक्ति खांसता है, छींकता है, या बोलता है तो वे अपनी नाक या मुंह से छोटी तरल बूंदों को बाहर न चाहते हुए भी  छिड़कता हैं जिसमें वायरस हो सकता है।  यदि आप बहुत करीब हैं, तो व्यक्ति को बीमारी होने पर आप COVID-19 वायरस के शिकार हो सकते हैं । फेफड़ों पर असर- कोरोना वायरस की शुरुआत और अंत दोनों फेफड़ों से होते हैं. वायरस से होने वाली सांस की बीमारी सबसे पहले इंसान के फेफड़ों को खराब करना शुरू करती है. फेफड़ों की कोशिकाएं खराब होने के बाद इंसान को सांस लेने में दिक्कत होती है और उसका दम घुटने लगता है.   भीड़-भाड़ वाली जगहों पर...

जीवन परिचय (डॉ.विनोद तिवारी)

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           संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की सफलता की कहानी की शुरुआत डॉ.विनोद तिवारी के जीवन से जुडी है  आओ एक नजर में डॉ विनोद तिवारी के जीवन की झलक देखें ~ घठोली लोरमी बिलासपुर में जन्में डॉ. विनोद तिवारी का जन्म सन 1963 में ग्राम घठोली लोरमी जो वर्तमान में जिला मुंगेली में आता है वहां के एक तिवारी परिवार में हुआ । पिता श्री सतानंद तिवारी जो एक सामन्य व्यक्ति होने के साथ गरीबों की पीड़ा दूर करने का प्रयत्न करते रहते थे उनकी यही भावना उनके सुपुत्र डॉ. विनोद के मन में हमेशा रहती थी । बिलासपुर छःत्तीसगढ़ उ.मा. वि. मिशन हा. सेकंडरी स्कूल एवं सी.एम.डी.कालेज बिलासपुर से डी.आर्थो  जबलपुर से किया सन 1996 में एम्.एस. ऑर्थो कालेज मेडिकल कॉलेज रीवा से करने के बाद मुंबई चले गए मुम्बई में ब्रीच कैंडी के प्रथम ओर्थपेडीक रजिस्ट्रार बने फिर जसलोक नायर व् भाटिया हॉस्पिटल में कार्य किया । मन में गरीबों व् समाज के लिए कुछ हटकर स्वास्थ्य सेवाओं  को करने के लिए संजीवनी वेलफेयर सोसायटी बनाई । जिसके द्वारा निःशुल्क उपचार व् ऑपरेशन करते रहते है। विदेश में की गयी...